Thursday, April 25, 2019

ईदगाह notes




           
ईदगाह
 कठिन शब्द     अर्थ

१.         रौनक             दीप्ति , कांति
२.         हैजा           पेट की एक जानलेवा बीमारी
३.         सहसा             अचानक , यकायक
४.         नियंत्रण         काबू 
५.         प्रतीक्षा            इंतज़ार
६.         उपेक्षा             तिरस्कार
७.         खज़ाना         कोश
८.         आकर्षण        खिंचाव
९.         व्यर्थ           बेकार , फ़ालतू
१०.प्रभात             प्रात: काल

  प्रश्‍नों के उत्तर एक वाक्य में लिखिए :

प्रश्‍न १. ईदगाह जाते समय सबसे ज़्यादा प्रसन्न कौन था ?
उत्तर १. ईदगाह जाते समय सबसे ज़्यादा प्रसन्न हामिद था ।
प्रश्‍न २. सभी बच्चे कहाँ जाने की तैयारी कर रहे थे ?
उत्तर २. सभी बच्चे मेले में जाने की तैयारी कर रहे थे ।
प्रश्‍न ३. नमाज़ खत्म होने पर सब लोग क्या कर रहे थे ?
उत्तर ३. नमाज़ खत्म होने पर सब लोग गले मिल रहे थे ।

प्रश्‍न ४. गाँव में किसकी चर्चा होने लगी ?
उत्तर ४. गाँव में हामिद की चर्चा होने लगी ।

प्रश्‍न ५. हामिद के दोस्तों के क्या नाम थे ?
उत्तर ५. हामिद के दोस्तों के नाम महमूद,मोहसिन ,नूरे और     
        सम्मी थे ।

Ø दिए गए प्रश्‍नों के उत्तर लिखिए :

प्रश्‍न १. हामिद के बारे में संक्षेप में लिखिए ।

उत्तर १. हामिद चार – पाँच साल का गरीब लड़का था । उसके
             माता-पिता नहीं थे । वह अपनी बूढ़ी दादी अमीना के
             साथ रहता था । छोटी-सी उम्र में भी वह बड़ा ही
             संतोषी , समझदार और त्यागी था । हामिद इस
             कहानी का नायक है । वह कुल तीन पैसे लेकर
             ईदगाह गया और बिना कुछ खाए-पिए उन पैसों से
            अपनी दादी के लिए मेले से चिमटा खरीद लाता है ।

प्रश्‍न २. हामिद ने चिमटा क्यों खरीदा ?
उत्तर २. हामिद की दादी के पास चिमटा नहीं था । रोटियाँ
             सेंकते वक़्त उनकी उँगलियाँ जल जाया करतीं थीं , 
             इसलिए हामिद ने अपनी दादी के लिए चिमटा खरीदा ।

प्रश्‍न ३. बुढ़िया का क्रोध स्नेह में कब बदल गया ?
उत्तर ३. हामिद ने जब अपराधी भाव से कहा ,“तुम्हारी
             उँगलियाँ तवे से जल जाती थीं ,इसलिए मैंने इसे ले
             लिया ।” तब बुढ़िया का क्रोध तुरंत स्नेह में बदल 
             गया ।

प्रश्‍न ४. अमीना का मन गदगद क्यों हो गया ?
उत्तर ४. अमीना का मन यह सोचकर गदगद हो गया कि एक
             नन्हे – से बच्चे में कितना त्याग , कितना सद्‌भाव 
            और विवेक है । दूसरे को खिलौने लेते और मिठाई
            खाते देखकर इसका मन कितना ललचाया होगा !                               फिर भी वहाँ इसे बूढ़ी दादी की याद बनी रही ।

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