कर्ण का दान
कठिन
शब्द अर्थ
१. करुण दुखद
२. निकट समीप , पास
३. सहायता मदद
४. भेंट उपहार
५. दीन गरीब
दिए गए शब्दों के अर्थ लिखकर वाक्य बनाइए : ( गृह कार्य )
१. भिक्षा - भीख , खैरात
२. अपवित्र -
अशुद्ध
३. स्मरण - याद
४. शीघ्र - जल्दी
५. सृष्टि - दुनिया
Ø अनेक शब्दों के लिए एक शब्द :
१. दान देने वाला - दानवीर
२. जिससे जान–पहचान हो - परिचित
३. सुरक्षा के लिए पहना गया बाहरी आवरण -
कवच
Ø नीचे दिए गए प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर लिखिए :
प्र-१ इंद्र ने सेवक द्वारा किसे बुलवाया ?
उ-१
इंद्र ने सेवक द्वारा वरूण को बुलवाया ।
प्र-२ कर्ण किस कारण प्रसिद्ध थे ?
उ-२
कर्ण अपनी वीरता और दानी स्वभाव की वजह से प्रसिद्ध
थे ।
प्र-३ युद्धभूमि में इंद्र किस समय पहुँचे
थे ?
उ-३
इंद्र युद्धभूमि में सूर्यास्त के समय
पहुँचे थे ।
Ø प्रश्नों के उत्तर लिखिए :
प्रश्न १. इंद्र के मन में कर्ण की दानशीलता की परीक्षा लेने का
विचार कब आया ?
उत्तर
१. जब कर्ण कुरुक्षेत्र के मैदान में घायल पड़े थे, उस
समय
वह बहुत करुण और दीन अवस्था में थे । यह
जानकर
इंद्र के मन में भिक्षा माँगकर कर्ण की
दानशीलता
की परीक्षा लेने का विचार आया ।
प्रश्न २. इंद्र ने वरुण को बुलाकर उनसे क्या कहा ?
उत्तर
२. इंद्र ने वरुण को बुलाकर उनसे कहा, “मित्र
वरुण!
कर्ण की दानप्रियता से तो तुम पहले से परिचित हो ।
सभी
देवता भी उसकी वीरता और दानी स्वभाव की
चर्चा
करते नहीं थकते । मुझे स्वयं उससे ईर्ष्या होती
है । वरुण ! आज वह कुरुक्षेत्र के मैदान में घायल
अवस्था में पड़ा है । चलो, उससे भिक्षा माँगकर
उसकी परीक्षा लेते हैं । ῎
प्रश्न ३. कर्ण ने अपने सोने के दाँत को स्वच्छ करने के लिए
क्या किया ?
उत्तर
३. कर्ण ने अपने सोने के दाँत को स्वच्छ करने के लिए
धनुष उठाकर बाण चलाया , जिससे पानी की धारा
बह निकली ।
प्रश्न ४. इंद्र और वरुण ने पत्थर उठाकर कर्ण को देने से इंकार
क्यों कर दिया ?
उत्तर
४. इंद्र और वरुण किसी अपवित्र वस्तु को हाथ नहीं
लगाते
और फिर वह तो युद्धभूमि में पड़ा अपवित्र
पत्थर
था । इसलिए उन्होने पत्थर उठाकर कर्ण को
देने
से इंकार कर दिया ।
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